दिल में एक तस्वीर
देख रहा हुं अंजाने की
सूरत चांद सी
तो नहीं कह सकता
लेकिन चांद उस सूरत सी
कह सकता हूं
उन आंखों को समुद्र सा गहरा
तो नहीं कह सकता
लेकिन समुद्र को उन आंखों सा गहरा
कह सकता हूं
उन जुल्फों को हीरों सा चमकिला
तो नहीं कह सकता
लेकिन हीरों को उन जुल्फों सा चमकीला
तो कह सकता हूं
अब जिस मुस्कान पर रब ही फिदा हो
उसके बारे में क्या ही कह सकता हूं
किस अंजाने की तस्वीर है
वो तो नहीं कह सकता हूं
मगर इतना कह सकता हूं
कि इसके साथ में जीना चाहता हूं
~Rasesh Agarwal
India