Poetry

होली की शुभकामनाएं

जब हर गली और नुक्कड़ मेंबुराई को जलाया जाता है,जब विष्णु के उस अवतार के आगेमस्तक झुकाया जाता है                               जब खाने में गुझिया, लड्डू,और दही – भल्ले बनाते हैं,जब कहीं पर लस्सी पिलाते हैं,कहीं दूध में ठंडाई मिलाते हैं                               जब रंग – बिरंगे हाथगालों के पास जाते हैं,जब सबके कपड़े गंदेऔर दिल साफ हो जाते हैं                               वो चहरों पर मुस्कुराहट,वो कोने – कोने में हसी- ठिठोली,बहुत इंतज़ार के बाद आती हैये प्यार भरी होली                               तो आओ, हम सब भीमिलकर होली मनाएँ,कुछ पुरानी बातें भूल जाएँ,कुछ नई यादें बनाएँकुछ छोटी – मोटी शैतानियों के बीच,कुछ मन – भावन पकवानों के बीच,आओ, एक दूसरे को देते हैंहोली की शुभकामनाएं।
                                          
~Navratra
  Jaipur, India

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