जब हर गली और नुक्कड़ में
बुराई को जलाया जाता है, जब विष्णु के उस अवतार के आगे मस्तक झुकाया जाता है जब खाने में गुझिया, लड्डू, और दही – भल्ले बनाते हैं, जब कहीं पर लस्सी पिलाते हैं, कहीं दूध में ठंडाई मिलाते हैं जब रंग – बिरंगे हाथ गालों के पास जाते हैं, जब सबके कपड़े गंदे और दिल साफ हो जाते हैं वो चहरों पर मुस्कुराहट, वो कोने – कोने में हसी- ठिठोली, बहुत इंतज़ार के बाद आती है ये प्यार भरी होली तो आओ, हम सब भी मिलकर होली मनाएँ, कुछ पुरानी बातें भूल जाएँ, कुछ नई यादें बनाएँ कुछ छोटी – मोटी शैतानियों के बीच, कुछ मन – भावन पकवानों के बीच, आओ, एक दूसरे को देते हैं होली की शुभकामनाएं।~Navratra
Jaipur, India