Poetry

हम भारतवर्ष की संतान हैं…

बड़े गर्व की बात है, कि

हम भारत वर्ष की संतान हैं,

नमन ऐ मातृभूमि तुझे,

तुझ से ही मेरी शान है…

तेरी अद्भुत छवि का

कहां तक बखान करूं,

तेरे माथे मुकुट हिमालय

देख देख अभिमान करूं,

गंगा जमुना सी पावन नदियां

मन प्रफुल्लित हो, बन जाता

 खुद ही तीरथ धाम है…..

ऋषि मुनियों के तपोबल के

यहां मंगल मंत्र गूंजा करते,

तेरे कण कण में

यूं लगता मानो ईश्वर बसते,

काम ही लगता, चाहे कितना भी,

करते तेरा गुणगान है…

भांति भांति की मीठी सी बोलियां

सबको अपनापन देता तू,

चाहे महल हो या झोपड़ियां

तू सबके ह्रदय में रहता तू,

होली, दिवाली, ईद या लोहड़ी

प्रेममय पर्वों की भूमि को

 वंदन बारंबार है….

हर जन्म यहीं पर हो मेरा

युगों युगों तक गीत तेरे गाऊं मैं

और तेरे विविध रंगों से

हर जन्म में रंग पाऊं मैं,

चाहे संघर्ष हो, या सफ़लता,

तुझ में बसते मेरे प्राण है….

बड़े गर्व की बात है,

हम भारत वर्ष की संतान है….

                                                                      

~Dr. Neeru Jain

Jaipur, India

One Comment

  1. Thank you so much 🙏💐😊