Poetry

कन्हैया हूं

कन्हैया हूं,

कैसे नटखट ना होता,

एक मैया देवकी मेरी,

दूसरी यशोदा की आंखों का तारा,

भला कैसे माखन चोर ना कहलाता,

कोख थी देवकी की,

और गोद मिली यशोदा की,

भला कैसे मैं देवकीनंदन यशोदालाला ना कहलाता।।

~Gunwanti Harish Thanvi 

India

Comments are closed.