कन्हैया हूं,
कैसे नटखट ना होता,
एक मैया देवकी मेरी,
दूसरी यशोदा की आंखों का तारा,
भला कैसे माखन चोर ना कहलाता,
कोख थी देवकी की,
और गोद मिली यशोदा की,
भला कैसे मैं देवकीनंदन यशोदालाला ना कहलाता।।
~Gunwanti Harish Thanvi
India
कन्हैया हूं,
कैसे नटखट ना होता,
एक मैया देवकी मेरी,
दूसरी यशोदा की आंखों का तारा,
भला कैसे माखन चोर ना कहलाता,
कोख थी देवकी की,
और गोद मिली यशोदा की,
भला कैसे मैं देवकीनंदन यशोदालाला ना कहलाता।।
~Gunwanti Harish Thanvi
India