ख़ामोशी ओढ़ तेरी बातें करना, अच्छा लगता है,
चांदनी रात, यादों की बारिश, तारें गिनना अच्छा लगता हैं…
सोई रातें, जागी बातें,
गुपचुप गुपचुप बतियाती धड़कने,
तेरे इश्क़ में यूं घुलमिल जाना, अच्छा लगता हैं….
तुम्हे लगते फासले कई,
हम लगता सदियों से संग यूं ही,
तू हमसाया तो जीवन सफ़र, सुहाना लगता है….
तुझे जो कहते मुझ से इश्क़ नहीं,
फिर क्यूं मानते बातें मेरी,
इस पे हम पे यूं हक जतलाना अच्छा लगता है….
मेरे चेहरे पे छाई रौनक तेरी,
तेरी बेरूखी फिर भी मेरी दिवानगी, और
चुपके चुपके तुम्हे देख आना, अच्छा लगता है….
~Dr. Neeru Jain
India
Thank you so much 🙏💐