Poetry

नन्ही

मुस्कुराते नयन, खनकती हंसी
कसी हुई झप्पी, साथ धड़कते दिल
मेरे कंधे पे झुकता, लुढ़कता तेरा सिर
मेरी लोरी संग बोझिल होती तेरी पलकें
उन्मुक्त हो झूल रही तू आगोश में मेरे
मंत्रमुग्ध हो झूमने लगे तन-मन मेरे
ये जादू है या मोह के धागे
सोचे बिन हर पल को जीती जाऊं मैं
मन की गहराईयों तक भीगती जाऊं मैं
~Sheetal Agarwal 
Mumbai, India

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