Poetry

झंडा ऊंचा सदा रहे हमारा!

आज पहली बार वर्षो मे मिला है ये शुभ अफसर
कितना सुंदर दिख रहा है तिरंगा।
घर-घर पर लहराई भारत की शान
ऊंचा उठा जब झंडा हमारा
रोम रोम आनंद से चीख उठा
‘भारत माता की जय’
गर्व से हुआ सिर हमारा ऊंचा
हृदय खुशियों से भर गया
लेकिन
आंखे भर आई उन्हें याद करके
जिन्होने करी अपनी जान कुर्बान
इस देश की आजादी के लिए
बहा दी खून की नदियां
खून मे लथपथ होने के बावजूद
हिले नही अपनी जगह से
आखरी स्वास तक लड़ते रहे
इस बहु मूल्य ‘मां’ के लिए
वे तो हमारी झोली मे
आजादी डालकर हो गए ‘अमर शहीद’
फिर भी कुछ लोग लगे है उनपर उंगली उठाने
अरे थोड़ी तो शर्म करो गद्दारों
हाथ पे हाथ धरे बैठे हुए
मिल गई तुम्हे मुफ्त मे वो आजादी
जो तुम्हारे बस का काम नहीं था
वो वे करके हो गए ओझल
आपस के झगड़े करो बंध और
होकर एक लड़ो उन शैतानों से
जो देश द्रोही बेचना चाहते है इस देश को
याने अपनी ‘सर्वोत्तम मां’ को
जरा आंख पर से
हटाओ ये स्वार्थ का पर्दा
और देखो चारो ओर
क्या आन बान शान से लहरा रहा है
‘ये प्यारा तिरंगा हमारा!’
‘जय हिन्द’
‘वंदे मातरम्’
‘भारत माता की जय’
                                                           
~Poornima
Jabalpur, India

2 Comments

  1. Beautiful! Jai hind.

  2. Excellent !
    Jai Hind 🙏