Month: September 2014

Poetry

जय हिंद! जय हिंद! जय हिंद!

जय हिंद! जय हिंद! जय हिंद! जय हिंद के ये नारे, लगते हैं कितने प्यारे. यह हिंद का हित हृदय में लेकर बढे़ चलो,बढे़ चलो,तुम आज के नौ जवानो. रखशा करो जी-जान से इसकी. अत्याचार और भृष्टाचार से लड़ो जो इस देश को खोखला कर रहे हैं. उतार दो नकाब […]

Editorial

Hushed India

By Nupur Bhatt “A nation that is afraid to let its people judge the truth and falsehood in an open market is a nation that is afraid of its people” – John F. Kennedy  India is a nation that is riding on a new political high after eons. Politics, change […]

Poetry

यास

सबको है तुझसे शिकायत बेवफाई की मगर हमको तेरी चार दिन की दोस्ती ही का गिला है ख़ुद  बढ़ा कर हाथ तुम, ख़ुद ही पलट कर चल दिए इस तरह तर्के-तमन्ना किन वफ़ाओं का सिला है दिल  को तुमने शौक़, हसरत, आरज़ू, सबकुछ दिया बात किस्मत की भी है, बस […]