हिमालय की हिमजद वादियों में
बर्फ की सर्द-शूल तूफानी आंधियों से
जद्दोजहद करता रहता है वह हमारे लिए !!
दिन रात आंखें खोल मुस्तैद सरहद पर
निगेहबान, चौकन्ना रहता है सदा वह
चाक-चौबंद हमारे लिए, हमारे लिए !!
नमन करते हैं ऐसे दिलेर पुत्रों को
जो सर्वस्व अपना करते हैं कुर्बान
देश हित में हमारे लिए, हमारे लिए !!
मनुष्य है श्रेष्ठतम, वो मानव महान है
बहादुरी से बेखौफ गोली खाता है वह
अपनी छाती पर हमारे लिए, हमारे लिए !!
जमाने में हम तो जीते हैं सिर्फ अपने लिए
वह सरहद पर भी मरता है वतन के लिए
कुरबानी है उसकी हमारे लिए, हमारे लिए !!
नमन है उस वीर जननी के आंचल को
कर दिया अर्पण जिसने अपने सपूत का
किया बलिदान हमारे लिए, हमारे लिए !!
ऐसे वीर जवानों को उनका सम्मान दो
रखो सर आंखों पर, बस इतना जान लो
शहीद हैं वे शहीद हमारे लिए, हमारे लिए !!
~Dr. Kailash. N. Khandelwal
Agra, India