Poetry

शत शत नमन

खून है जिसने दिया ,ज़हर है जिसने पिया ।

खून है जिसने दिया ,ज़हर है जिसने पिया ।।

जीतने की ज़िद्द में खुद को जिसने कुर्बान कर दिया ।

चलो नमन उन्हें शत बार करें हम।।

लाल है जिसने दिया,भाई है जिसने खोया।

लाल है जिसने दिया,भाई है जिसने खोया।।

देश की खातिर जिसने खुद को लुटा दिया।

चलो नमन उन्हें शत बार करें हम।।

न तीर से न तलवार से।

न बाण से न ढाल से।।

न तीर से न तलवार से।

न बाण से न ढाल से।।

सत्य,अहिंसा और प्रेम के हथियार से;

जिसने दुश्मन को भगा दिया ।

चलो नमन उन्हें शत बार करें हम।।

आज़ादी के लिए जिसने खुद को कुर्बान कर दिया ।

आज़ादी के लिए जिसने खुद को कुर्बान कर दिया ।।

जय हिन्द का नारा लगाकर।

जय हिन्द का नारा लगाकर।।

स्वराज्य को उसका अधिकार दिया।

जिस किसी ने भी आज ये किया।

चलो नमन उन्हें शत बार करें हम।

चलो नमन उन्हें शत बार करें हम।।

                                                       ~ Anantinee ‘JHUMPA’ Mishra

                                                               Std. VII, Apeejay school, Saket

                                                        New Delhi, India

One Comment

  1. Dear Anantinee,
    Keep the good work going! Proud of you.