Poetry

वक्त का तकाज़ा

वक्त के साथ क़दम से कदम मिला न पाए ।

वक्त के बेरहम कदमो की आहट पहचान ही नही पाए

वक्त के झंझावात को रोक ही नही पाए

वक्त के कालचक्र को सही दिशा में घुमा ही नही पाए

वक्त की गर्द में लिपटी स्मृतियों को  भुला भी न पाए

वक्त  के पदचिन्हों पर चलकर मंजिल पा ही न पाए

वक्त की गति को अनदेखा कर ही न पाए

वक्त के आईने में अपना ही धुंधलाता अक्स न देख पाए

वक्त तो थमा नही पर गुजरते वक्त के साथ हम अपना वजूद  ही न  बचा पाए

                                                                 ~Pratima Mehta

                                                                   Jaipur, India

4 Comments

  1. Masi u rock itna sundar article mst hai u r n inspiration for the females????

  2. My masi is the best ur n inspiration for all the females luking forward to see ur more articles????

  3. My masi is the best ur n inspiration for all the females luking forward to see ur more articles????

  4. समय तब भी था जब हम नहीं थे तब भी रहेगा जब हम नहीं होंगे इसलिऐ सही कहा वक्त का तकाजा है