एक बात कहूँ…….
तुम सबसे अलग हो वैसे !
ना ही कोई छलकपट
ना ही कोई सोच ग़लत
मिलने मैं जब भी आयी
मिला मुझे एक नया सबक़ !
कुछ बात है तुममें
जो ओरों में नहीं
झलकती जो आँखो में
लाखों- करोड़ों में नहीं !
माफ़ किया हर दफ़ा
बेवफ़ाई नहीं की वफ़ा
मैं सताऊँ कितना भी
तुमने दी ख़ुदको सज़ा
उस दूर बैठें-अनजान से भी
माँगी तुमने- मेरी दुआ
शायद आज भी
करते हो मेरी रजा !……
~Harshit Kumar
Noida, India